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नेशनल डेस्क. सवर्णों को आर्थिक आधार पर 10% आरक्षण देने के लिए 124वां संविधान संशोधन बिल सदन (Lok Sabha) में पेश किया। इसके लिए शाम 5 बजे से लोकसभा में चर्चा शुरू हुई। केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत ने सदन में कहा कि इस बिल के तहत मुस्लिम और ईसाई समुदाय के गरीबों को भी आरक्षण मिलेगा।

- सदन में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा, 'देश के हर नागरिक को अवसर देने की जरूरत है। जाति में बदलाव संभव नहीं है। पिछली सरकारों ने सही कोशिशे नहीं की। अभी जाति के आधार पर आरक्षण है, लेकिन इसमें आर्थिक आधार पर आरक्षण दिए जाने का प्रावधान है। सदन में जेटली ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर समर्थन कर रहे हैं तो खुले दिन से करें। समर्थन के साथ शिकवा-शिकायत न करें। बता दें कि केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने लोकसभा में बिल की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि गरीबों को आरक्षण से सबका साथ और सबका विकास होगा। देश में अमन-चैन कायम होगा। बता दें कि इस बिल को बसपा, कांग्रेस, आप और एनसीपी ने समर्थन देने की बात कही है। उधर, डीएमके ने इसका विरोध किया है।
राज्यसभा में अटक सकता है : संविधान में संशोधन के लिए दोनों सदनों के 67% सांसदों का समर्थन जरूरी है। लोकसभा में एनडीए के 59%, जबकि राज्यसभा में 36% सांसद हैं। यानी अपने दम पर बिल पास कराना नामुमकिन है। कांग्रेस, आप, एनसीपी ने समर्थन की बात कही। लोकसभा में इन तीनों के 11%, राज्यसभा में 23% सांसद हैं। यानी लोकसभा में 70% समर्थन से बिल पास हो सकता है। राज्यसभा में आंकड़ा 59% पर अटक सकता है।
किसे मिलेगा लाभ : आरक्षण का फायदा उन सवर्णों (Swarn) को मिलेगा, जिसकी सलाना इनकम 8 लाख रुपए या इससे कम है या जिसके पास 5 एकड़ या उससे कम खेती की जमीन (Agriculture Land) है। इसके अलावा जिसके पास 1000 वर्ग फुट से कम जमीन पर मकान है, वो भी लाभ के दायरे में आएंगे। कस्बों में 200 गज जमीन वालों को, शहरों में 100 गज जमीन वालों को भी इसका लाभ मिलेगा। इस श्रेणी में ब्राह्मण, ठाकुर, कायस्थ, राजपूत, भूमिहार, बनिया, जाट, गुर्जर को आरक्षण मिलेगा। इसके लिए संविधान के अनुच्‍छेद 15 और 16 में संशोधन होगा। यह 10% आरक्षण मौजूदा 49.5% कोटे के अलावा होगा।

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